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प्रधानमंत्री नई मंजिल योजना का विस्तृत विवरण हिंदी में – Pradhan Mantri Nayi Manzil Scheme Details in Hindi
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प्रधानमंत्री नई मंजिल योजना का विस्तृत विवरण हिंदी में – PRADHAN MANTRI NAYI MANZIL SCHEME DETAILS IN HINDI
वर्ष २००१ की जनगणना के अनुसार हमारे देश की 102.8 करोड़ आबादी का लगभग २०% आबादी अल्पसंख्यकों की है। जिसमें से मुस्लिमों जनसंख्या सबसे अधिक १३.४%, ईसाई २.३%, सिक्ख १.९%,बौध ०.८ %,जैन ०.४% तथा पारसियों की जनसंख्या सबसे कम है ।
जिसमें अल्पसंख्यक छात्रों द्वारा प्राथमिक स्तर की पढ़ाई छोड़ने का आंकड़ा उनकी राष्ट्रीय आबादी का २% और माध्यमिक स्तर की पढ़ाई छोड़ने का आंकड़ा उनकी राष्ट्रीय आबादी का ३% है।अल्पसंख्यकों की आबादी के मुकाबले उनकी कार्यदल की भागीदारी का औसत भी बहुत कम है। वर्ष २०१३ में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार अल्पसंख्यकों में मुस्लिम आबादी में प्राथमिक स्तर पर हीं पढ़ाई छोड़ने का दर सबसे ज्यादा है । सच्चर समिति के रिपोर्ट के अनुसार अल्पसंख्यक मुसलामनों में प्राथमिक स्तर की पढ़ाई पूरी न कर पाने के कारण सबसे ज्यादा गरीबी तथा कार्य कौशल की कमी है ।
इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने देश की प्रगति में अल्पसंख्यकों की बराबर भागीदारी तथा देश के समग्र विकास हेतु शिक्षा और कौशल विकास के उद्देश्य से केंद्र की वर्तमान सरकार ने अगस्त २०१५ में प्रधानमंत्री नई मंजिल योजना का सूत्रपात किया।
अल्पसंख्यकों के लिए नई मंजिल योजना का उद्देश्य
इस योजना के तहत एक वर्ष की अवधि का एक कोर्स शुरू किये जाने की योजना बनाई गयी।जिसके माध्यम से जो अल्पसंख्यक छात्र अमान्यता प्राप्त विद्यालयों जैसे मदरसों से शिक्षा प्राप्त करतें हैं या गरीबी के कारण प्राथमिक स्तर की शिक्षा भी पूरी नहीं कर पातें हैं। उन सबको एकत्रित कर उनके क्षमता के अनुसार उनके योग्यता कों निखारा जायगा और उन्हें बोर्ड की परीक्षा देने के योग्य बनाया जायेगा। नई मंजिल योजना के तहत शुरू किये गए इस कोर्स की मान्यता देश के सभी यूनिवर्सिटी में मान्य होगा ।
अल्पसंख्यक समुदाय के उन छात्रों को एकत्रित करना जो किसी कारणवश प्राथमिक स्तर की शिक्षा छोड़ चुके हैं । उन्हें कक्षा ८ व १० की शिक्षा राष्ट्रीय मुक्त शिक्षा संस्थान अथवा राज्य मुक्त विद्यालय प्रणाली द्वारा शिक्षा उपलब्ध कराना और प्रमाण पत्र देना है ।
इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को रोजगारपरक कार्य कौशल शिक्षा उपलब्ध करना है।
स्वास्थ और जीवनयापन योग्य कौशल के प्रति जागरूक करना है ।
इस योजना के द्वारा प्रशिक्षित कम से कम 70 % युवाओं को नौकरी दिलाना ताकि वे जीवनयापन योग्य न्यूनतम मजदूरी प्राप्त कर सकें तथा सामाजिक सुरक्षा से सम्बंधित योजनायें जैसे कर्मचारी राज्य बीमा(ईएसआई) , भविष्य बीमा आदि का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने की पात्रता का मापदंड
प्रधानमंत्री नयी मंजिल योजना का क्रियान्वयन देश के सभी क्षेत्रों में सामान्य रूप से लागू किया जायेगा। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 100,000 लाख अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को 5 वर्ष की अवधि में प्रशिक्षित करने की चरणबद्ध योजना बनायी गयी है। जिसका 2% प्रथम वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और बाकी का अगले ४ वर्षों में निर्धारित योजना के अनुसार क्रियान्वयन किया जाने का लक्ष्य है ।
- राष्ट्रिय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 के तहत प्रशिक्षु को अल्पसंख्यक समुदाय जैसे (मुस्लिम, सिक्ख ,जैन ,ईसाई,पारसी,बौद्ध) से सम्बंधित होना चाहिए।
- इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षिण पाने की आयु सीमा 17 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए ।
- जिन राज्यों या संघ शासित प्रदेशों के सरकारों द्वारा अन्य अल्पसंख्यक कार्यक्रम मौजूद हैं,वे भी इस योजना का लाभ उठाने के पात्र है मगर उनको कुल सीटो का 5% से ज्यादा नहीं मिलेगा ।
- ग्रामीण और शहरी दोनों हीं क्षेत्रों के उम्मीदवार गरबी रेखा के नीचे के होने चाहिए।
- इस योजना के तहत प्रशिक्षु की न्यूनतम योग्यता एनआईओएस के द्वारा निर्धारित नियम के समतुल्य होनी चाहिए ।
- इस योजना के तहत कक्षा 8 के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अभ्यार्थी के पास कक्षा 5 के उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अथवा विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। अभ्यार्थी की आयुसीमा एनआईओएस या उसके समतुल्य बोर्ड द्वारा निर्धारित आयु के अनुसार होनी चाहिए।
- कक्षा 10 के प्रशिक्षण हेतु कक्षा 8 के उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र अथवा उसे अपनी योग्यता का स्व- प्रमाण देना होगा। तथा एनआईओएस अथवा समतुल्य बोर्ड द्वारा निर्धारित आयुसीमा के अनुसार आयु का होना अनिवार्य है।
- इस योजना के तहत 30% सीटें बालिका/महिला तथा 5% सीटें अल्पसंख्यक समुदाय के दिव्यांग अभ्यार्थियों के लिए निर्धारित की जाएँगी। अंतर-समुदाय एकता के प्रोत्साहन हेतु 15% सीटें गैर-अल्पसंख्यक समुदायों के गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए आरक्षित किये जाने पर विचार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- यदि इस योजना के तहत आरक्षित श्रेणियों के लिए निर्धारित सीटें रिक्त रहतीं हैं तो उन सीटों कों अनारक्षित मन जायगा